क्रमशः ... हम अपनी जिंदगी की किताब के पन्ने खुद लिखते हैं, संजोते हैं । हर कोई कुछ लिख चुका है...कुछ लिख रहा है और कुछ लिखा जाना अभी बाकी है । किताब के पूरा होने तक यह क्रम यूं ही जारी रहेगा ।
शांत चित्त से
प्रिय तुम मेरे
मधुबन में आओ
हाथ थाम कर
जमुना किनारे
अपनी धुन सुनाओ
तुम्हें निहारती
रहूं मैं बैठी
ऐसी मुरली बजाओ
मुरली की धुन
सुन सब भूलूं
मूंदू आंख, मिल जाउं
श्याम सुधा में
भींगूं रस भर
पियूं घूंट तर जाउं
राधा - कृष्ण के अटूट प्रेम की कालजयी गाथा की सुंदर काव्यात्मक प्रस्तुति
अदभुत प्रेम की सुंदर प्रस्तुति 👌👌
निश्चल प्रेम की मधुर प्रस्तुति। 👌👌
राधा - कृष्ण के अटूट प्रेम की कालजयी गाथा की सुंदर काव्यात्मक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअदभुत प्रेम की सुंदर प्रस्तुति 👌👌
जवाब देंहटाएंनिश्चल प्रेम की मधुर प्रस्तुति। 👌👌
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