1
जंगली नियम
शिकायत है जंगल से मेरी
क्यों बदल लेते हैं पेड़
पहचान अपनी
पत्तियां छोड़ कर
क्यों पुराने लिबास में
नया मौसम
उसे रास नहीं आता
नये मौसम में
सब तो नया नहीं होता !
जड़ें वही...तना भी वही
तो साजिश सिर्फ पत्तियों से
क्यों ?
पेड़ है जब मिल के सब
तो टूटे सिर्फ पत्ते ही क्यों ?
वही सूखे...वही मसले भी जाएं
वही गिर कर मिट्टी में भी मिले
और...
उसी मिट्टी में जड़ जमाए
पत्तों से अलग खड़े रहेंगे पेड़
नियम यदि यही हैं
तो जंगली है नियम यह...
तोड़ दो इसे अभी...
2
किताबें बेचो, रद्दी खरीदो
पत्थरों की सुनों
पहाड़ों से बातें करो
चांद से मत पूछो पता
सितारों के सिरहाने बैठो
सूरज आंख दिखाए तो
बादलों से गुजारिश बारिश की करो
प्रकृति सिखा देती है
दुनियादारी
किताबें बेचो और रद्दी खरीदो
कम से कम शब्दों में सटीक प्रस्तुतीकरण आपकी लेखनी की विशेषता है। कविताएं क्षण विशेष की अनुभूति व्यक्त करती हैं।आशा-निराशा के भाव आते-जाते रहते हैं। मेरा मानना है कि जंगली नियम सही है। आवरण बदलना पडता है क्योंकि वह प्रदूषण की मार झेलता है। मूल स्वरूप अक्षुण्ण रहना चाहिए। पतझड के बिना नव कोंपलों का निकलना नहीं होता है।
जवाब देंहटाएंदूसरी कविता में प्रकृति की ओर लौटने का ईशारा सहज और सटीक है।
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