सूरज
1
ब्रह्म से बाहर
निकल जाना चाहता हूं
उजाले के भ्रम से
मुक्त होना चाहता हूं
अंधेरे के सच को
जान लेना चाहता हूं
सूरज सच है
ये झूठ
बता देना चाहता हूं
2
मैं खोह में
घुस जाना चाहता हूं
गुफा के घुप्प अंधेरे में
खो जाना चाहता हूं
हिमालय क्यों ताकते हैं मुझे
मैं मिलकर उसमें
पिघल जाना चाहता हूं
3
बारिश में भींग कर
फिर से
बच्चा हो जाना चाहता हूं
परछाई मेरी समुंदर में है
उतर कर तह में उसके
उसे ढूंढ़ लेना चाहता हूं
4
बुझा के मुझे
खुद बनो सूरज अपना
ओढ़ा दो अंधेरा मुझे
मैं सो जाना चाहता हूं
अपना नया सवेरा
मैं भी
देख लेना चाहता हूं
Twitter : @mukeshkrd Koo: @mukeshkumarSTV
Such me Sooraj ki majboori koi nahi samajhta,bohot kamaal ki lekhni 🙏
जवाब देंहटाएंBehtareen rachnayen
जवाब देंहटाएंBehtareen
जवाब देंहटाएंUttam lekhani sada ki tarah ✨✨
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