रविवार, 19 अप्रैल 2020

बेटियों के सपने


बेटियों के सपने

जागती है देर तक
देखती है सपने
सुबह तक
जगाओ तो कहती है
डैडी
सपने तो़ड़ दिए आपने
मेरे
बेटियों को कौन बताए
डैडी
तोड़ते नहीं सपने
इसे बुनते हैं
बेटियों के लिए
इसलिए
चिड़ियों की चहचहाहट पर
बंदिशे लगा दी है
मैंने
सूरज को
घर में धुसने से
मना कर दिया है
मैंने
हवा को भी बिना पूछे
आने की इजाजत
नहीं है
लॉकडाउन है भई
बेटियां सो रही है
मेरी
उसे जगाने की
इजाजत नहीं दी है
मैंने...





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