बेटियों के सपने
जागती है देर तक
देखती है सपने
सुबह तक
जगाओ तो कहती है
डैडी
सपने तो़ड़ दिए आपने
मेरे
बेटियों को कौन बताए
डैडी
तोड़ते नहीं सपने
इसे बुनते हैं
बेटियों के लिए
इसलिए
चिड़ियों की चहचहाहट पर
बंदिशे लगा दी है
मैंने
सूरज को
घर में धुसने से
मना कर दिया है
मैंने
हवा को भी बिना पूछे
आने की इजाजत
नहीं है
लॉकडाउन है भई
बेटियां सो रही है
मेरी
उसे जगाने की
इजाजत नहीं दी है
मैंने...
Bahut khub. Sach hai betiyon ki parwah aur pyar, daddy se jyada koi nahi kar Sakta,
जवाब देंहटाएंDil chhoo lene wali kavita👌👌
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंBahut badhiya
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