नज़रों की छुअन
बादल पूछते नहीं, हवाओं से पता अपना
पहुंच जाते हैं, जिस ठौर भी बरसना होता है
हालात बदल देते हैं सीरत सूरत की
नजरें बेपरवाह भी इशारा समझ लेती है
जुबां लाख सिल ले वादों से कोई
नज़रों की छुअन सब बोल देती है
जिन्हें हुनर है ज़ज्बातों को समझने का
किश्ती तुफान में भी वह कंधा ढूंढ़ लेती है
मतलब, हाथ थामने का हो पता जिसे
दिल दे दीजिए उसे, तजुर्बा कहता है
पिघलते हैं जज्बात, आंसुओं की भटठी में जब
तब जाकर कोई कविता आकार लेती है...
👌👌
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कविता 👌👌
जवाब देंहटाएंBehtareen 👌👌
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कविता। नजरों की छुअन ही सब कुछ बोल देती है चाहे कोई भी, कहीं रहें। नजरों की छुअन की एहसास ही सब कुछ बयां करती है। बहुत ख़ूब।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंआपके लिखने का अन्दाज शानदार है। भाव प्रस्तुति दिल छू लेने वाली है। दिल से निकले शब्द कविता के माध्यम से बखूबी आपने लिखा है। बेहतरीन लिखते है सर 👍👍🙏🙏🧿
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