न कागज
न कलम
न स्याही
न ही पता मेरा
फिर भी मुझे ख़त लिखना
पलके झपकना
लब सिल लेना
मुझे ख़त लिखना
अपने जज्बात
बच्चों की हंसी
मां का प्यार
सब लिखना
मुझे ख़त लिखना
मेरी हंसी लिखना
मेरा प्यार लिखना
खूब सारे फूल लिखना
मुझे ख़त लिखना
अपने सवाल लिखना
उसके जवाब लिखना
बांहे खोल कर
पूरा आसमान लिखना
बरसूंगा बन के जवाब
जिस दिन
बूंदें लिखना
बारिश लिखना
भींगे बाल की उलझन लिखना
मिट्टी की सौंधी महक लिखना
मुझे ख़त लिखना
चिर - विरह की मार्मिक प्रस्तुति।
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