आंखें नम...जुबां खामोश...और दिल भारी
न जाने देह को हुआ क्या है ?
सतह पर शांति...तह में हलचल...और बुलबुला बीच में
पता नहीं झील को हुआ क्या है ?
अभी छांव...अभी धूप अभी बारिश से बेजार
पता नहीं मौसम को हुआ क्या है ?
सुबह स्वर्ग....शाम उदास और रात विरान
पता नहीं समय को हुआ क्या है ?
अभी-अभी दुआ सलाम...क्षण भर में पूर्ण विराम
पता नहीं इंसान से कसूर, हुआ क्या है ?
न अपील...न सुनवाई...सीधा कार्रवाई
पता नहीं भगवान को हुआ क्या है ?
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