गुरुवार, 11 जनवरी 2024

सब ले गए तुम

सब ले गए तुम 


सब ले गए तुम

तो यादें भी ले जाते


तारों संग मेरे रतजगे भी ले जाते

नींद जब ले ही गए तो

बातें...सपने...सूनापन भी ले जाते


खुशबू तो साथ चली गई तुम्हारे

फूल...बाग...बगीचे भी ले जाते 


चौखट...खिड़की...किवाड़ सब ढूंढ़ते हैं तुम्हें

गए तो साथ अपने घर भी ले जाते


मौसम में बहार तो तुमसे ही थी 

गए जब तो साथ, सावन...बारिश...बूंदे भी ले जाते


सब ले ही गए तुम

तो यादें भी ले जाते


चाहत...प्यार...परवाह सब पागलपन है 

जाना ही था तो थोड़ा रूक कर चले जाते


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